Qarẓ kī pīte the may lekin samajhte the ki haañ
Spread the loveक़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँरंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन Galib Qarẓ kī
Spread the loveक़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँरंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन Galib Qarẓ kī
Spread the loveमेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्तमैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न
Spread the loveइस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं Galib Is
Spread the loveबस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होनाआदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना Galib Bas ki
Spread the loveरंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंजमुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं
Spread the loveन था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होताडुबोया मुझ को होने ने न होता
Spread the loveपूछते हैं वो कि ‘ग़ालिब’ कौन हैकोई बतलाओ कि हम बतलाएँ क्या Galib Pūchhte haiñ vo ki ‘ġhālib’
Spread the loveये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होताअगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता Ye na thī hamārī
Spread the loveहज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकलेग़ालिब